भानुप्रतापपुर। पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कर्मचारियों के द्वारा आज बुधवार को एसडीएम कार्यालय पहुचकर मुख्यमंत्री,राज्यपाल,आदिम जाति कल्याण, शिक्षा मंत्री ,मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग एवं संचालक लोक शिक्षण संचानलय रायपुर के नाम से तहसीलदार को ज्ञापन सौपा।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय बिलासपुर में प्रक्रियाधीन रिट याचिका क्र .9778 / 2019 विष्णु प्रसाद तिवारी वर्सेस स्टेट आफ छ.ग. व जनहित याचिका क्र 91/2019 एस . संतोष कुमार वर्सेस स्टेट आफ छ.ग के अंतिम निर्णय आने तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के मूलभूत संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण एवं भारत के संविधान आर्टिकल 15 ( 4 ) ( क ) ( ख ) व 335 तथा आरक्षण अधिनियम 1994 , आरक्षण नियम 1998 एक पदोन्नति नियम 2003 के प्रावधानों के विरुद्ध शिक्षा विभाग तथा अन्य विभाग द्वारा की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने अथवा sc, st वर्ग के आरक्षित रिक्त पदों को सुरक्षित रखने का आदेश देने बाबत ।
उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 08.01.2022 को प्रधान पाठक प्राथमिक शाला शिक्षक तथा प्रधानपाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर एल.बी.संवर्ग के शिक्षकों का दिनांक 31.01 2022 तक पदोन्नति करने आदेश जारी किया गया हैं । वर्तमान के अनु.जाति व जनजाति पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर का मामला कोर्ट में सुनवाई हेतु प्रक्रियाधीन है । ऐसी स्थिति में पदोन्नति में जल्दबाजी करना अनुचित होगा ।
आरक्षण रोस्टर के बगैर पदोन्नति राज्य के अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के शिक्षकों एवम अधिकारी , कर्मचारियों को स्वीकार्य नहीं है । क्योंकि आरक्षण रोस्टर के आधार पर अनु.जाति के 12 प्रतिशत व जनजाति वर्ग के 32 प्रतिशत आरक्षित हिस्से में आते है । शिक्षा विभाग में होने वाली लगभग 40,000 पदों में 18,000 पद आरक्षण रोस्टर के आधार पर अनु.जनजाति व अनु.जाति के हिस्से में आयेंगे ।
राज्य के बहुसंख्यक अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग पिछले डेढ़ साल से पदोन्नति में आरक्षण बहाली हेतु विभिन्न माध्यमों से शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाते आ रहे हैं । अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के मूलभूत संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण एवं भारत के संविधान आर्टिकल -15 ( 4 ) क , ख , व 335 तथा आरक्षण अधिनियम , नियम , पदोन्नति नियम के उलंघन में शिक्षा विभाग एवम अन्य विभागद्वारा की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने अथवा sc , st वर्ग के आरक्षित पदों को छोड़कर पदोन्नति देने का आदेश निर्देश देने सादर निवेदन किया जाता है । यदि हमारी बातें सुनी नहीं जाती है तो हमे धरना - प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा , जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन - प्रशासन की होगी ।