स्वांगवाले की फिल्म Be or Busy की कहानी चार किरदारों के जीवन के इर्द गिर्द घूमती है, जो कि अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यस्त हैं ,रुक नहीं रहे , लगे हुए है। पर फिर भी वो वहां नहीं पहुँच पा रहे जिसकी उन्हें तलाश है। क्योंकि मन के भीतर विचारों में कहीं कुछ रुक गया है। जो है तो सकारात्मक शब्द ,पर इसका बोझ रोके दे रहा है। इस रुके हुए को खोजने और फिर खुद की खोज के अनुसार वही हो जाने की कहानी है Be or Busy. जीवन में होने और जीवन में व्यस्त होने के द्वन्द की कहानी पर बनी लघु फिल्म Be or Busy का निर्देशन किया है मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से धनेन्द्र कावड़े ने जो कि थियेटर और फिल्म में 28 वर्षों से सक्रिय हैं एवं देश विदेश में अपनी कला के माध्यम से जिले का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
जीवन में सकारात्मक सोच रखने, निरंतर प्रगति पथ पर बढ़ने ,जीवन में एक लक्ष्य बनाकर उसे प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास करने , दिन रात एक कर देने और उस मंजिल तक पहुँच कर सफल होने के लिए कई सारे प्रोत्साहन सूचक कहे, सुने और समझाए जाते हैं। बाल मन पर इनका प्रभाव इतना गहरा होता है की ,बड़े होने पर भी अवचेतन मन इसे निर्देशित करता रहता है। परन्तु सफलता के मायने हर किसी के लिए अलग हो सकते हैं। लक्ष्य और कर्तव्य यदि स्वयं चुना हो तो ये शायद सहायक भी हो। पर यदि लक्ष्य और कर्त्तव्य किसी प्रभाव वश हो तो जीवन द्वन्द बन जाता है और आगे बढ़ने के लिए हम जितना जोर लगाते है उतना विपरीत दिशा में बल लगता है और हम कहीं पहुँचने की बजाय खीज क्रोध , हताशा और आत्मग्लानि से थकने लगते हैं। ऐसे में आवश्यकता है ठहर कर हमारे होने के महत्व को समझने की है। न कि सिर्फ व्यस्त रहने की। हमारा चुनाव ही हमारे होने के हर पल को आनंद से भर देगा। नहीं तो समय तो बीत जायेगा और हम उस आनंद के लिए कारण ही ढूंढते रह जायेंगे।
इस फिल्म को लिखा है कुमारी करिश्मा वासनिक ने जो की एमबीबीएस की छात्रा है। और इस फिल्म में अभिनय लक्की खांडेकर, जॉय बल्लेवार , कुमारी आँचल सोनी और ऋषि असाटी ने किया है। फिल्म के गीत की संगीत रचना और उसे आवाज दिया है गुजराती और हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार निशीथ मेहता ने और इसका संगीत संयोजन किया है कंदर्प कवीश्वर ने। फिल्म में प्रोडक्शन की जिम्मेदारी संभाली वैभव येरपुड़े ने और फिल्म निर्माण में विजय श्रीरंग, मनीष बुराड़े और संजय जैन जी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
स्वांगवाले का प्रयास है जिले के कलाकारों को एक मंच प्रदान कर कला के क्षेत्र में रोज़गार एवं कौशल के अवसर के लिये वातावरण निर्मित किया जाये, और समाज से जुड़े विषयों पर कलात्मक सहभागिता हो क्यों कि कला समाज का दर्पण है और कलाकार उसका प्रतिबिंब।