पौड़ी । पवित्र वेद ध्वनियों, मंत्रोच्चारों के साथ बैकुंठ बदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार को ब्रह्म मुहूर्त पर 6.15 बजे पर विधि विधान के साथ खुले। पहले दिन 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान के श्री विग्रह और अखंड ज्योति के दर्शन किए। अनुकूल मौसम, गुनगुनी धूप और सुव्यवस्थित प्रबंधन के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। भगवान के दर्शन करने के लिए यात्री तीन किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। रविवार को प्रात: 6.15 बजे भगवान बदरी विशाल मंदिर के कपाट खुले। सबसे पहले बदरीनाथ के मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूरी ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश किया।
भगवान नारायण बदरी विशाल को दंडवत प्रणाम किया। शीतकाल में घृत कम्बल ओढ़े भगवान के विग्रह से घृत कम्बल मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूरी ने घृत कम्बल जैसे ही हटाया भगवान का दिव्य और दमकते स्वरूप को देखकर सभामंडप में धर्माधिकारी, सभी अपर धर्माधिकारी, आचार्य गण, बदरीनाथ केदारनाथ, मंदिर समिति के पदाधिकारी, अधिकारी कर्मचारियों और दर्शानिथों के कंठ से बोल बदरी विशाल का जय घोष गूंज उठा। भगवान के कपाट खुलने की प्रथम प्रक्रिया समेत विविध चरणों में पूजा अभिषेक हुआ। शीतकाल में भगवान के सानिध्य में रही मां भगवती लक्ष्मी के विग्रह को बदरीनाथ मंदिर के निकट लक्ष्मी मंदिर लाया गया ।
इसके बाद श्री उद्धव का विगृह रावल के साथ और श्री कुबेर की डोली मंदिर के सभा मंडप से मंदिर के अंदर पहुंच कर बदरीश पंचायत में विराजमान हुये। आद्य गुरु शंकराचार्य की गद्दी मंदिर परिक्रमा स्थल पर सुशोभित हुयी। विगत 2 वर्ष के कोरोना काल में बदरीनाथ की यात्रा प्रभावित रही।
पर इस बार पहले ही दिन जिस तरह से रिकार्ड संख्या में यात्री भगवान के दर्शन के लिये पहुंचे। उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस बार यात्रा सीजन में यात्रियों की संख्या लाखों में पहुंच सकती है।
बदरी विशाल के कपाट खुलते समय भगवान के प्रथम दर्शन के लिये बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी, बदरीनाथ के पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, जिला अधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी बीडी सिंह समेत कई भक्त जन मौजूद रहे।