लाकडाऊन के समय राज्य में वापस लौटे 7.5 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने में बघेल सरकार गंभीर नही, सिर्फ उनका पंजीयन करके सरकार अपने दायित्व से भागने की कोशिश कर रही है . तालाबों का छत्तीसगढ़िया पहचान मिटाने और रोजगार के मुद्दों को लेकर रायपुर में प्रदर्शन किया जायेगा .
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की बैठक तीर्थराज पैलेस में हुई, बैठक में लाकडाऊन के समय अन्य राज्यों से वापस आने वाले 7.5 लाख प्रवासी मजदूरों सहित अन्य छत्तीसगढ़ियों के रोजगार की समस्याओं पर विचार किया गया, मंच ने आरोप लगाया है कि बघेल सरकार प्रवासी मजदूरों को राज्य में सम्मानजनक रोजगार देने के प्रति गंभीर नहीं है, 8 माह में इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार देना तो दूर इन मजदूरों के आंकड़े भी सरकार नहीं जुटा पाई है कल राज्य केबीनेट की बैठक में इन मजदूरों का पंजीयन करने का निर्णय लिया गया है किंतु राज्य में रोजगार देने के संबंध में सरकार ने इन्हें भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने इन 7.5 लाख प्रवासी मजदूरों सहित राज्य के लाखों बेरोजगारों को राज्य में ही सम्मानजनक रोजगार देने की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया है .
मंच की बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त किया गया कि भिलाई नगर निगम ने शीतला तालाब और भेलवा तालाब सहित आधा दर्जन तालाबों का नाम बदलने का निर्णय लिया है इसी प्रकार राज्य के अन्य जिलों में भी तालाबों का नाम बदलकर छत्तीसगढ़िया पहचान मिटाने की कोशिश की जा रही है जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता,
मंच की बैठक में फर्जी निवासी बनाकर अन्य राज्यों के निवासियों द्वारा मेडीकल कालेजों में प्रवेश लेने के मुद्दे पर चर्चा किया गया और इसके लिये राज्य के ढीले डोमीसाईल नीति को जिम्मेदार ठहराया गया है, बैठक में निर्णय लिया गया है कि 1951 की पहली जनगणना को आधार मानकर डोमीसाईल नीति बनाने की मांग को लेकर प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जायेगा
मंच की बैठक में छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान जगाने वाले मंच के संस्थापक अध्यक्ष ताराचंद जी साहू, चंदूलाल जी चंद्राकर और संत पवन दीवान जी के जन्म दिन 1 जनवरी को छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है,
मंच की बैठक में एड. राजकुमार गुप्त, पूरनलाल साहू, रऊफ खान, अनिल देशमुख आदि शामिल थे ।