के एस ठाकुर
राजनांदगांव, 22 जनवरी। छत्तीसगढ़ में सभी वर्ग के अधिकारी कर्मचारी इन दिनों सरकार से काफी नाराज चल रहे हैं। यही वजह है कि विगत दो-तीन महीनों से प्रदेश में हड़ताल का दौर लगातार चल रहा है। अभी ग्राम पंचायत के सचिव एवं रोजगार सहायकों का करीबन 1 माह से चला आ रहा अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त हुआ नहीं है कि रोजगार सहायक अधिकारी कर्मचारियों ने हड़ताल कब बिगुल फूंक दिया है । और आज हड़ताल की श्रृंखला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन भी अपनी 8 सूत्रीय मांगों जिसमें प्रमुख रुप से 45 वे46 वें श्रम सम्मेलन सम्मेलन के फैसले को देशभर में लागू करना । सेविकाओं एवं सहायिकाओं को न्यूनतम ₹21000 वेतन देना। 3 से 6 साल के बच्चों को पहले की तरह स्कूल पूर्व शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्र में दिया जाना है ।
आईसीडीएस का किसी प्रकार निजीकरण नहीं किया जाना, आदि मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में दिवसीय धरने पर कलेक्ट्रेट के सामने बैठे हैं ।इसके पूर्व इनके द्वारा 8 जनवरी को अपनी मांगों को लेकर 1 दिन का धरना प्रदर्शन किया गया था ।आज इनके द्वारा अपनी मांगों का ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार के नाम से सौंपा गया । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन का का कहना है कि यदि इनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी 1 फरवरी को राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन राज्य मुख्यालय में किया जाएगा।