रायपुर, 8 फरवरी। देश और समाज के लिए जीना ही मेरा मकसद है हथियार से ज्यादा ताकत कलम में होती है. हम कलम के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराईयों को ख़त्म कर सकते हैं और मैं यही करने की कोशिश कर रही हूँ. लेखन मेरे अंदर इस कदर समाया हुआ है कि मुझे इसके लिए अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं पड़ती, चलते फिरते, काम करते , सफर करते हुए मैं कुछ न कुछ लिख ही लेती हूं, जितना जीवन के लिए श्वास लेने की जरूरत है उतना ही मेरे लिए लिखना मेरी जरूरत है । मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई। यह कहना है कवियित्री स्नेहलता सिंह का.
आज की दुनिया में सभी अपने लिए जीते हैं लेकिन स्नेहलता जी सबके लिए जीती है. भगवान् से सबके कुशल होने की प्रार्थना करती हैं. उनकी किताब “सफर मंजिल का” आने वाली है. वे अभी तक 800 से ज्यादा कवितायें लिख चुकी हैं और ट्वीटर पर उनके 90 हजार फालोवर हैं. हरियाणा की कवियित्री स्नेहलता सिंह रायपुर प्रवास पर हैं.