रायपुर, 30 दिसंबर। पेंशनरों की समस्याओं को राज्य सरकार को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्यवाही कर उन्हें राहत प्रदान करना चाहिये। उक्त उदगार सुनील सोनी सांसद रायपुर ने राज्य के पेंशनरों की समस्याओं को लेकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल के समक्ष व्यक्त किये।
रायपुर लोकसभा के संसद सदस्य सुनील सोनी से उनके रायपुर स्थित कार्यालय में प्रत्यक्ष भेंट कर राज्य के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों के समस्याओं से अवगत कराया और ज्ञापन सौपकर छत्तीसगढ़ निर्माण के 20 वर्षो बाद भी राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को हटाने तथा सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल को रायपुर लाने में योगदान कर राहत प्रदान करने का आग्रह किया।
सांसद सुनील सोनी ने प्रतिनिधि मंडल के समक्ष इस मुद्दे पर चिन्ता जाहिर किया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर इस बारे में पूरी जानकारी लेकर तत्काल कार्यवाही कराने का भरोसा दिया। उन्होंने इस पर केन्द्र और राज्य स्तर पर जरूरत अनुसार पहल करने का विश्वास दिया।
पेंशनरों के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद सुनील सोनी को अवगत कराया कि दोनो राज्यो के बीच पेंशनरी दायित्व का बंटवारा नहीं होने से पेंशनरों को मिलनेवाली आर्थिक मामले मध्यप्रदेश के सहमति के बिना लटकी हुई है,चाहे महंगाई राहत का मामला हो या छटवें और सातवें वेतनमानों का एरियर हो ये सभी दोनों राज्यों में आपसी सहमति नहीं होने से भुगतान नहीं हो रहा है। इसी तरह पेंशनरों प्रकरण में कोष लेखा एवं पेंशन से पीपीओ जारी होने के बाद अंतिम जांच के लिये सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल स्टेट बैंक गोविंदपुरा भोपाल शाखा को भेजा जाता है, जहाँ दोनो राज्यों के प्रकरणों की अधिकता होने के कारण कई महीनों के बाद जांच प्रक्रिया पूरी होती है और पेंशन नहीं मिलने में देरी से आर्थिक और सामाजिक शोषण के शिकार बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पेंशनरों की समस्याओं पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो की बेरुखी है, क्योंकि जब भाजपा की सरकार रही तो उन्हें बार बार अवगत कराने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया और अब लगभग 2 साल से राज्य के मुख्यमंत्री और जिम्मेदार अधिकारियों से लगातार चर्चा, ज्ञापन और धरना,प्रदर्शन आदि के माध्यम अवगत कराने बाद भी स्थिति जस के तस बनी हुई है। प्रतिनिधि मंडल में वीरेन्द्र नामदेव के साथ एस के चिलमवार, नागेन्द्र सिह एवं अन्य लोग शामिल थे।