अरुण काठोटे विगत कई वर्षों से कविताओं को पोस्टर के माध्यम से व्यक्त करते हैं। उनका यह प्रयोग पत्र - पत्रिकाओं तथा कविता पोस्टर के माध्यम से 1980 के आसपास से व्यक्त होने लगे । यह सिलसिला जयस्तंभ चौक , रायपुर के समीप प्रति सप्ताह " कविता चौराहे पर ' ' शीर्षक से कविता पोस्टर प्रदर्शित करने के बाद विस्तार लेता हुआ देशभर में विभिन्न स्थानों तक पहुंचा। आगे चलकर पोस्टर पेपर पर निर्मित अनेक कवियों की कविताएं अनेक राज्यों में विभिन्न साहित्यिक - सांस्कृतिक आयोजनों में समय - समय पर प्रदर्शित होती रहीं। कविता पोस्टर निर्मिति की यह प्रक्रिया कभी मंथर , कभी फुर्तीली गति से बदस्तूर जारी है । देश के शीर्षस्थ कवि बाबा नगार्जुन , केदारनाथ सिंह , विनोद कुमार शुक्ल , अरुण कमल , राजेश जोशी तथा अभिनेत्री स्व . दीना पाठक ने उनकी कविता पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अरुण काठोटे कोरल ड्रॉ और फोटो शॉप की नई तकनीक पर कविता पोस्टर बनाते हैं। इनमें बिम्बात्मक नवाचार , रंगमयता , रेवांकन , शिल्प आदि का प्रयोगधर्मी , कल्पनाशील और सृजनात्मक का उपयोग करते हैं।
