नागपुर. महाराष्ट्रा के भंडारा स्थित जिला अस्पताल में कल देर रात आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत और 7 बच्चों को बचाया गया है. सीएम उद्धव ठाकरे ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं गृह मंत्री अनिल देशमुख खुद भंडारा पहुंचे. हादसा की तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया है कि 3 नवजात की अस्पताल की आग में जलने से मौत हुई और 7 की दम घुटने से हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना देर रात की है जब नवजात शिशुओं के कमरे में आग लग गई. इसकी वजह शाट सर्किट बताया जा रहा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्थानीय अधिकारियों को जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
मौके पर मौजूद एक अन्य सिक्योरिटी गार्ड ने बताया, ‘कमरे में चारों ओर धुआं ही धुआं फैला था। कई बच्चों के शरीर काले पड़ गए थे। दो इन्क्यूबेटर में से आग निकल रही थी। उसमें रखे बच्चे बिलख-बिलखकर बुरी तरह से झुलस चुके थे।’ अस्पताल में फायर सेफ्टी के लिए जरूरी एक भी इंतजाम नहीं किया गया था। हादसा होने पर बाहर निकलने का दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था।
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी जगह जहां भीड़-भाड़ रहती है वहां लगे अग्निशमन के उपकरणों की जांच कर उन उपकरणों को चलाने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाए कयोंकि आग लगने के वक्त वहां उपकरण मौजूद थे लेकिन उन्हें चलाने वाला कोई नही जानता था अन्यथा दुर्घटना से बचा जा सकता था.
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