छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का महाअभियान आज से शुरू हो रहा है। इसकी निगरानी सीधे राजधानी से होगी। इसके लिए खाद्य और कृषि विभाग दोनों ने अपने-अपने मुख्यालयों में कंट्रोल रूम बनाए हैं, जो अगले 61 दिनों तक चौबीस घंटे काम करेंगे। यहां से धान की तस्करी समेत अन्य सभी गड़बड़ियों के साथ किसानों की समस्याओं पर निगाह रखी जाएगी। किसानों को तकलीफ से बचाने के लिए इस बार 2305 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं।
इस बार सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा है। सीएम भूपेश बघेल ने अफसरों से कहा है कि धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। खरीदी केन्द्रों में इस बार धान को भींगने से बचाने के लिए चूबतरे बनाए गए हैं। किसानों को पांच बार टोकन दिए जाएंगे।
टोकन एक सप्ताह के लिए वैध रहेगा। एक सप्ताह के भीतर भी यदि किसान धान नहीं बेच पाया तो उसे फिर से टोकन दिया जाएगा।