मास्को, 23 नवंबर। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन ने जीत हासिल की है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अभी भी बाइडेन को विजेता नहीं मानते हैं. हालांकि उनका कहना है कि जिस व्यक्ति पर अमेरिका के लोगों का भरोसा है, वह उसके साथ काम करने के लिए तैयार हैं.
बाइडेन की जीत मानने को क्यों नहीं हैं तैयार
व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि अभी बाइडेन की जीत को उनके विरोधी ट्रंप ने स्वीकार नहीं किया है और जब तक जीत को विपक्षी पार्टी मान्यता नहीं देगी या कानूनी तरीके से जीत की घोषणाा की नहीं की जाएगी, वह उन्हें विजेता नहीं मानेंगे.
पुतिन ने जो बाइडेन को अब तक जीत की बधाई नहीं दी है और उन्होंने रूस के सरकारी टीवी चैनल से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि बधाई देना केवल एक औपचारिकता है और इसका कोई गलत इरादा नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर उस व्यक्ति के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं जिस पर अमेरिका के लोगों का भरोसा है.
अमेरिका और रूस से रिश्तों को लेकर बात करते हुए व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अब खराब होने के लिए कुछ बचा नहीं है. पहले ही दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हो चुक हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आरोप है कि रूस ने साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत में मदद की थी. अब बाइडेन की जीत के बाद रूस को इस बात की चिंता सता रही है कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद रूस पर पर ज्यादा प्रतिबंध लग सकते हैं. इसके साथ ही मानवाधिकारों के मुद्दे पर विवाद बढ़ सकता है.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहा है. उनका कहना है कि जो बाइडेन चुनाव जीत गए हैं, क्योंकि चुनाव में धांधली हुई है. ट्रंप का दावा है कि सही तरीके से चुनाव के नतीजे आने पर उन्हें बड़ी जीत मिलेगी.
वोटों की गिनती खत्म होने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन को कुल 306 इलेक्टोरल वोट मिले हैं, जबकि रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट हासिल हुए हैं. बता दें कि साल 2016 में हुए चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को 306 वोट पाकर राष्ट्रपति बने थे, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को 232 वोट मिले थे.