रायपुर। भाजपा के पूर्व मंत्री नेता अजय चंद्राकर ने कहा है कि चंदखुरी माता कौशल्या की जन्म स्थली नहीं है। राजनीतिक फायदे के लिए भूपेश सरकार ने नया इतिहास लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के वन वास को लेकर भी वो जगह संबंधित नहीं है।
छत्तीसगढ़ के इतिहासकारों ने यह माना है कि कौशल्या जांजगीर के कोसला जनपद की थीं, जो उत्तर कोशल के राजा से ब्याही गईं थी। चंदखुरी में मंदिर है मगर वो जन्म स्थान नहीं है।
चंदखुरी (कौशल्या माता मंदिर) से राम वन गमन पर्यटन प्रोजेक्ट की शुरूआत हो चुकी है। इसमें सरकार 15 करोड़ से अधिक की राशि सिर्फ इस मंदिर के सौंदर्यीकरण पर खर्च करेगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राम वन गमन परिपथ में आने वाले छत्तीसगढ़ के आठ महत्वपूर्ण स्थलों सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा (सप्त ऋषि आश्रम) और जगदलपुर को विकसित किया जाएगा।
मान्यता है कि भगवान राम इन जगहों पर वन वास के वक्त ठहरे थे। इसे पूरे सर्किट में भगवान राम के प्रतिमाएं भव्य गेट, लैंड स्केपिंग वगैरह की जाएगी। लोग इन जगहों पर घूमने जा सकेंगे।