नई दिल्ली । राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे मल्लिकार्जुन खडग़े को विपक्ष का नेता नामित किया गया है। संगठन के महासचिव वेणुगोपाल ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस ने राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू को इस बारे में जानकारी दी है कि आजाद के रिटायर होने के बाद अब खडग़े पार्टी की तरफ से नामित किए गए हैं। यानि कि अब खडग़े राज्यसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इससे पहले राज्य सभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा भी चाहते थे कि उन्हें विपक्ष का नेता बनाया जाए। मगर हाल ही में संगठन को लेकर कई सवाल खड़े करती सोनिया गांधी को लिखी चि_ी के बाद पार्टी नेतृत्व उन्हें ये जिम्मेदारी देने पर ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रहा था। इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खडग़े को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है। उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद पार्टी ने राज्य सभा में मौका दिया था।
राज्यसभा में 15 फरवरी के बाद जम्मू और कश्मीर का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा। यहां से फिलहाल 4 राज्यसभा की सीटें हैं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से वहां चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में फिलहाल राज्यसभा से वहां कोई सदस्य नहीं होंगा। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सांसद नजीर अहमद लावे (10 फरवरी) और मीर मोहम्मद फैयाज (15 फरवरी) का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा। गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल 15 फरवरी और भारतीय जनता पार्टी के शमशेर सिंह मन्हास का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो जाएगा।
गुलाम नबी आजाद को दोबारा विपक्ष का नेता बनने का मौका मिल सकता है, लेकिन उन्हें इसके लिए दो महीने के बाद केरल से जीत कर आना होगा। अप्रैल में, केरल की तीन सीटें खाली हो जाएंगी और उनमें से एक को कांग्रेस बरकरार रख सकती है। आजाद के लिए केरल से चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। दरअसल पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि केरल के नेता किसी बाहरी व्यक्ति को राज्य से चुने जाने की अनुमति नहीं देंगे। इससे पहले केरल के नेताओं ने राज्यसभा के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को लडऩे की इजाजत नहीं दी थी।