रायपुर, 24 दिसंबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज विपक्ष ने कानून के मुद्दे पर सरकार को घेरा. नेता प्रतिपक्ष नेता धरम लाल कौशिक ने राजधानी में पुलिस थाने में अश्विनी मानिकपुरी की मौत का मुद्दा उठाया।
कौशिक का आरोप है कि यह आत्महत्या नही हत्या है। पुलिस प्रताडना से उसकी मौत हुई है। बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखे या आये बगैर वहां के एसपी ने हार्टअटैक से मौत होना बता दिया, ये आश्चर्यजनक है।
इस पर गृह मंत्री साहू ने कहा कि हम किसी को नही बचा रहे। न्याययिक जांच चल रही है, उसकी रिपोर्ट आने पर कार्यवाई होगी। इस पर कौशिक ने मांग की कि परिवार को न्याय मिले। अनुकम्पा नियुक्ति मिले। प्रताड़ना से मृत्य के कारण परिजनो को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए। इस पर गृह मंत्री साहू ने कहा कि सूरजपुर एसपी ने पत्र लिखा है जिसे हमने अनुशंसा कर दी है
विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि अश्विनी मानिकपुरी पर कोई अपराध दर्ज़ हुआ था क्या। कहा कि थाने में बेल्ट कैसे आया. खिड़की की ऊंचाई कितनी थी, हत्या के आरोपी को लॉकअप में रखवाया जाता है। बेल्ट से कोई फांसी लगा सकता है क्या।
श्री अग्रवाल ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री को गलत जानकारी दी जा रही है। बेल्ट से कोई फांसी पर कैसे लटकेगा। लॉकअप में बाथरूम नही होता। न्यायिक जांच के बिंदु क्या है। न्यायिक कमेटी में कौन हैं, जांच के बिंदु क्या हैं। दोनो आरोपियों की मृत्य दुर्भाग्यजनक है। दोनों के परिजनों को मुआवजा राशि मिले। दो साल में लॉकअप में हुई मौत में वृद्धि हुई है।
विधायक अजय चंद्राकर ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा।