धर्मजयगढ़। नियमितीकरण की मांग को लेकर, लघु वनोपज सहकारी समिति प्रबंधको का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन घोषणापत्र में सरकार ने किया था वादा उस वादे को याद दिलाने और अपनी मांग को पूरी करवाने धरमजयगढ़ वन मंडल के प्रांगण में बैठे।
नियमितीकरण की मांग को लेकर प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति संघ का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। अनिश्चितकालीन धरना की शुरुआत 11 अप्रैल से हुई है। 13 दिनों के बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2018 चुनाव में अपने घोषणापत्र में प्रबंधकों को तृतीय वर्ग कर्मचारी का दर्जा दिए जाने का वादा किया था। लेकिन अभी तक सरकार अपना वादा नहीं निभा पाया। प्रबंधकों द्वारा हड़ताल में जाने से करोड़ों रुपयों का विभाग को नुकसान हो रहा है।
नियमितीकरण की लंबित मांग नहीं हो सका पूरा
छत्तीसगढ़ समिति प्रबंधक के द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया है कि वर्ष 1988-89 से एकमात्र कर्मचारी प्रबंधक कार्यरत है। जो कि 33 वर्षों से संस्था के कार्य को पूर्ण लगन एवं जिम्मेदारी के साथ अल्प वेतन में करते आ रहा है।शासन प्रशासन से कई बार नियमितीकरण हेतु आश्वासन मिलने के पश्चात भी प्रबंधक संघ की 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण अभी भी लंबित है।
समिति प्रबंधक अपनी 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर 11 अप्रैल से धरना पर बैठा है। हम लोगों पर शासन इतना ज्यादा काम थोप दिया है। तेंदूपत्ता के अलावा अन्य 68 प्रकार के वनोपज क्रय करते हैं। साथ ही बीमा का लाभ दिलाते हैं संग्रहण कर्ताओं को और उनके बच्चों को छात्रवृत्ति भी दिलाते हैं। अगर शासन हमें नियमितीकरण करता है तो उन पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। वनोपज खरीद से जितने लाभ हैं। उसी से ही हमें तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के समकक्ष वेतन दिया जा सकता है।
आगामी मई महीने से तेंदूपत्ता संग्रहण शुरू होने वाला है। यदि हमारे मांगे पूरी नहीं होती है तो यह जरूर प्रभावित होगा।
यशवंत सिंह सिदार, अध्यक्ष समिति प्रबंधक संघ जिला रायगढ़