राजकुमार मल
भाटापारा- कुछ दिन और, फिर 58 साल से जमी गाद से कईहा तालाब आजाद हो जाएगा। सौंदर्यीकरण की राह में इस पहले और मुख्य काम को पूरा होते देख निर्माण एजेंसी राहत की सांस ले रही है, लेकिन नई चिंता वे नालियां बन रहीं हैं, जिनका बहाव अब भी निरंतर जारी है।
55 लाख की लागत से हो रहे कईहा तालाब सौंदर्यीकरण के काम का पहला चरण पूरा होने में अब बहुत ज्यादा दिन नहीं रह गए हैं। चुनौती थी, 58 साल से जमी गाद का निकाला जाना। दिक्कतों के बीच अब यह काम पूरा होने के अंतिम चरण में है। अब नई परेशानी वे नालियां बनती नजर आती हैं, जिनका निरंतर बहाव आगे के काम में बाधा बन सकती है। उपाय की तलाश जारी है।
अब तक 550 ट्रक गाद
1963 में पहली सफाई के 58 बरस बाद हो रही दूसरी सफाई में अब तक लगभग 550 ट्रक गाद निकाली जा चुकी है। लगातार 20 दिन से चल रहे इस काम को पूरा होने में लगभग 1 सप्ताह का समय और लगने की संभावना है क्योंकि लगभग 50 ट्रक गाद, और निकलने के आसार हैं। याने अगले सप्ताह के अंत तक यह काम पूरा हो सकता है।
निर्माण एजेंसी के सामने दिक्कत
कईहा तालाब सौंदर्यीकरण का काम कर रही निर्माण एजेंसी के सामने अब वह नालियां चुनौती बनने जा रहीं हैं, जिनका निरंतर बहाव आगे के काम में बाधा बन सकती है। एजेंसी अपने स्तर पर विकल्प की तलाश में है, तो प्रशासन से भी सलाह का इंतजार है कि बहाव रोके बिना, आगे का काम कैसे किया जा सकता है?
मानसून करीब
कार्य की गुणवत्ता प्रभावित न हो, इसलिए निर्माण एजेंसी बिना बाधा, बिना असुविधा के नालियों का बहाव नियंत्रित करने के उपाय की खोज में है । यह इसलिए भी क्योंकि भारतीय मौसम विभाग ने इस वर्ष मानसून 10 दिन पहले आने के पूर्वानुमान जारी कर दिया है। यदि समय पूर्व बहाव व्यवस्थित नहीं किए गए तो परेशानी आम नागरिकों और निर्माण एजेंसी दोनों को हो सकती है।