कोरिया, 22 दिसंबर। जिला मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर दूर स्थित सागरपुर में एक गरीब परिवार को जुलाई 2019 में प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली थी तब से वह गरीब परिवार पक्के आवास में रहने का सपना संजोय हुए थे लेकिन जिम्मेदारों ने इनके सपने को चूर चूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । हितग्राही श्याम लाल देवागन का कहना है की जुलाई 2019 में प्रधानमंत्री आवास उन्हें मिला था तब से आज तक दो ही क़िस्त मिली है । जिसके कारण आज भी आवास अधूरा पड़ा है । माली हालत भी ऐसी नहीं की हम दो किस्तो में ही आवास को पूर्ण करा कर पक्के मकान में रहने का सपना जल्द पूरा कर ले ।
केंद्र सरकार ने गरीबों के पक्के मकान में रहने के सपने को सकार करने महत्वकांक्षी योजना लागू की लेकिन ये भी जिम्मेदारों की लापरवाही का भेट चढ़ रहा है । गरीब तबके के लोग छले जा रहे है । वर्षो से आवास निर्माण अधर में है। और जनकल्याण कारी योजना दम तोड़ती नजर आने लगी है ।वहीं कुछ जिम्मेदारों ने अपने लापरवाही पर पर्दा डालते हुए ये तक कह दिया कि हितग्राही खुद अपना पैसा लगा कर आवास निर्माण कार्य पूर्ण करे तब उन्हें तीसरी क़िस्त जारी होगी अब अब बडा सवाल यह उठता है कि अगर गरीबों के पास आवास बनवाने के लिए रुपए होते तो वे सरकार की योजनाओं के बांट का इंतजार न करते पर सायद ये छोटी सी बात कुछ जिम्मेदारों के पल्ले नहीं पड़ती जो समझ से परे है ।
ऐसा नहीं की हितग्राही ने कार्यालय का चक्कर न लगाया हो जबकि हर बार मायूस चेहरा और खाली हाथ ही कार्यालय से लौटना पड़ा है । हितग्राही का यह भी आरोप है कि आवास में लगे तकनीकी ऑफिस में जाने पर धमकाते है । औऱ कहते है कि किसी के पास भी जाओ तीसरी क़िस्त का भुगतान अभी नहीं होगा पहले आवास पूर्ण करो । हितग्राही का कहना है कि मेरी आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं कि मैं आवास पूर्ण करा सकूं। इसलिए ये आवास आज तक अधूरा पड़ा है।