अनिता गर्ग
धरमजयगढ़। विकासखंड धरमजयगढ़ आदिवासी विधायक व कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त लालजीत सिंह राठिया ने प्रदेश के मुखिया यशस्वी भूपेश बघेल का आभार प्रकट किया। उनका कहना है बोरे बासी को अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में ही खाया जाता था और जाना जाता था लेकिन मुख्यमंत्री की इस पहल की वजह से पूरे छत्तीसगढ़ में आज मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और प्रदेश के हर जिलों के हर घरों में आज बोरे बासी चटनी अचार के साथ खाकर लुफ्त ले कर मनाया जा रहा है। विधायक राठिया कहते हैं, यह विचार माटी से जुड़े किसान के बेटे की ही हो सकती हैं।
जिसे सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासियों का ही भोजन समझा जाता था आज उसे बड़े बड़े अधिकारी कर्मचारी हर छोटे बड़े घर के लोग साथ बैठ कर खा कर मजा ले रहे हैं और इस दिवस को मना रहे हैं ।प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूर दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों से छत्तीसगढ़ के पारम्परिक भोजन बोरे बासी खाने का आव्हान किया। जिले के जनप्रतिनिधियों सहित आम नागरिकों और श्रमिकों ने भी बोरे-बासी खाकर मजदूर दिवस मनाया।
इसके अलावा कतिपय जगहों पर बोरे बासी खाने का सामूहिक आयोजन भी किया गया, जहां पर श्रमिकों एवं मजदूरों को आमंत्रित कर उन्हें बासी परोसा गया। सभी ने बोरे बासी के साथ नून चटनी, अचार, मिर्च, गोंदली (प्याज) सहित विभिन्न व्यंजनों का भी स्वाद चखा।
ज्ञातव्य है कि बोरे बासी छत्तीसगढ़ की प्राचीन भोजन शैली तथा पारम्परिक विरासत है, जिसे पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मजदूर दिवस को बोरे-बासी दिवस के तौर पर आयोजित करने का आव्हान किया, जिसका अनुसरण करते हुए जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, आमनागरिकों, मजदूरों, मनरेगा श्रमिकों ने भी बोरे-बासी खाकर प्रदेश के पाम्परिक व्यंजन का मान बढ़ाया।